*विद्यालय का संक्षिप्त परिचय*:-
अपने पूज्य पिता स्वर्गीय श्री किरोड़ी लाल जैन के निधनोपरान्त ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का प्रसार करने हेतु उनके दोनों पुत्रों स्व० श्री छेदी लाल जैन व स्व० श्री प्रकाश चंद्र जैन ने सर्वप्रथम 1943 में अग्रवाल धर्मशाला, सासनी में विद्या मंदिर इंग्लिश स्कूल खोला जो 1944 में वर्तमान परिसर में विद्या भवन के नाम से जाना गया। जिसके आदि प्राचार्य स्व० श्री अम्बा प्रसाद सुमन थे। इसके बाद 1 जुलाई 1944 में प्रधानाध्यापक के रूप में स्व० श्री नंदकिशोर पांडेय नियुक्त हुए। जिनके एवं विद्यालय के प्रथम संस्थापक स्वर्गीय छेदीलाल जी जैन के अथक प्रयास से इस विद्यालय को सन 1945 में मिडिल स्कूल के रूप में शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त हुई। अपनी त्वरित गति कर्मोत्तर विकास करते हुए विद्यालय को हाई स्कूल की मान्यता सन 1946 में, वैज्ञानिक मान्यता सन 1951, में व कृषि वर्ग की मान्यता सन 1956 में, तथा इंटरमीडिएट स्तरीय साहित्य वर्ग की मान्यता सन 1948 में, वाणिज्य वर्ग की सन 1953 में, वैज्ञानिक वर्ग की सन 1955 में, कृषि वर्ग की सन 1959 में और व्यवसायिक वर्ग की सन 1994 में मिली।
किरोड़ीलाल जैन इंटर कॉलेज का स्व० पाण्डेय जी द्वारा सन 1965 तक सफल प्राचार्य का निर्वहन किया गया। सन 1965 में स्व० श्री रामस्वरूप उपाध्याय जी द्वारा विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद को सुशोभित किया गया। जिन्होंने 1985 तक बड़ी लगन व श्रद्धा से उक्त पद को संभाला। उपाध्याय जी के अवकाश ग्रहण करने के उपरांत श्री गिर्राज किशोर कौशल 1.7.1985 से 31.11.85 तक तथा श्री कुंवर पाल सिंह 1.12.85 से 2.10.88 तक विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य रहे। 3 अक्टूबर 1988 से आयोग द्वारा चयनित श्री के. एम.शर्मा ने इस विद्यालय के प्रधानाचार्य पद को संभाला जिन्होंने बाबू स्व० श्री छेदी लाल जी के प्रबंध निर्देशन में 1998 तक तदुपरांत प्रबंधक श्री अजीत कुमार जैन के प्रबन्धकत्व में 30 जून 2014 तक प्रधानाचार्य पद पर रहकर इस विद्यालय को उत्तुंग शिखर तक पहुंचाने में अपना सर्वस्व समर्पित किया है। आपके सेवानिवृत्त होने के बाद श्री मधुसूदन सिंह ने यह 1 जुलाई 2014 से इस विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रूप में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान किया। तदुपरान्त वर्तमान में 1 जनवरी 2016 से डॉ० दीपक जैन प्रधानाचार्य का पूर्ण मनोयोग से निर्वहन कर रहे हैं। साथ ही प्रबंधक श्री अजीत कुमार जी जैन के सानिध्य में शिक्षकों लिपिकों व कर्मचारियों के विशुद्ध मनोयोग, सेवाभाव व कर्तव्य निष्ठा से विद्यालय कर्मोत्तर उन्नति प्रदान कर रहा है।
विद्यालय अपने विस्तृत प्रांगण, भव्यभवन, विशाल हॉल (सभागार) व समृद्ध पुस्तकालय सुसज्जित प्रयोगशालाओं, उन्नत कृषि फार्म, सुंदर व्याख्यान कक्ष, विस्तृत खेल के मैदानों तथा सुरम्य उद्यान और वृक्षों के लिए प्रसिद्ध है। व्यवसायिक निर्देशन विभाग शैक्षिक तकनीकी इकाई एवं कार्यानुभव, संचयिका, परीक्षा विभाग, हिंदी साहित्य परिषद बालचर परिषद, पुस्तक बैंक, (रेडक्रोस चिकित्सा) सुविधा इस विद्यालय में कार्य कर रहे हैं इस विद्यालय में अनुपम उपलब्धि के साथ कार्य कर रहे हैं। इस विद्यालय के पुरातन छात्र अनेक विभागों के महत्वपूर्ण पदों से आई.ए.एस. तक के उच्च प्रशासनिक पदों पर आसीन होकर देश की सेवा करते हुए विद्यालय का गौरव बढ़ा रहे हैं।
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